दिन फिर बीता.
रीता- रीता.
संग-संग सूखे,
नयन, सरिता.
रात की जुल्फें,
चाँद ka फीता.
इश्क़ में एक-
कुरान ओ गीता.
दिल जब जीते,
तब जग जीता.
मन की करनी,
काम सुभीता.
राकेश जाज्वल्य.
०७.१०.२०११
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रीता- रीता.
संग-संग सूखे,
नयन, सरिता.
रात की जुल्फें,
चाँद ka फीता.
इश्क़ में एक-
कुरान ओ गीता.
दिल जब जीते,
तब जग जीता.
मन की करनी,
काम सुभीता.
राकेश जाज्वल्य.
०७.१०.२०११
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1 comment:
आँगन- राधा,
चौखट- सीता.
दिल जब जीते,
तब जग जीता.
bahut hi badhiyaa
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