Thursday, October 25, 2012

साथ चाय की प्याली के....


गुजरेगा दिन आज फिर ख़ुशगवार मेरा,
साथ चाय की प्याली के तेरी याद आ गयी.

: राकेश जाज्वल्य 26.10.2012

Friday, October 19, 2012

मेरे बटुए में तुमको बस मिलेंगें नोट खुशियों के,
मैं सब चिल्हर उदासी के अलग गुल्लक में रखता हूँ.

: राकेश जाज्वल्य. 12.10.2012