Friday, February 22, 2013

यकीन.....

  
प्रेम,
प्यार,
प्रीति, 
मुहब्बत, 
प्रणय, 
चाह ......
किसी भी नाम से 
पुकारूँ तुम्हें,
या..फिर 
खामोश रहूँ...
बरसों- बरस. 

मुझे यकीन  है.. 
ज़िन्दगी.. !!!

तुम्हारे लिए भी,
मायने रखता है..
अहसास .....
साथ होने का,
... पुकारा जाना नहीं.

* राकेश जाज्वल्य
rakesh jajvalya 09.02.13
 

5 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत एहसास ।

Anju (Anu) Chaudhary said...

अहसास ही तो जिंदगी है

harsh kumar kurm said...

Bahut badhiya

RAKESH JAJVALYA राकेश जाज्वल्य said...

शुक्रिया.....

Unknown said...

Kay baat his Ph.D. Isimein chap rahi hai lagta hai... Good one