और मेरे करीब आता गया.
वो मुझे जितना आज़माता गया.
उसको जीने का हुनर आता था,
वो जो दुनिया से मुस्कुराता गया.
ईद की उसको साल भर खुशियाँ,
जो गले मिल के दिल मिलाता गया.
ये हकीक़त थी, आँख थी मेरी,
ख़्वाब लेकिन वही दिखाता गया.
हाँथ उसके कभी ना खाली रहे,
जो दुआओं से घर सजाता गया.
ये मेरा रब ही जानता है के,
किसकी गलती से अपना नाता गया.
उसका चेहरा चाँद बन बन कर,
ज़हनो दिल मेरा जगमगाता गया.
: राकेश. ३०.०८.११.--------------------------
वो मुझे जितना आज़माता गया.
उसको जीने का हुनर आता था,
वो जो दुनिया से मुस्कुराता गया.
ईद की उसको साल भर खुशियाँ,
जो गले मिल के दिल मिलाता गया.
ये हकीक़त थी, आँख थी मेरी,
ख़्वाब लेकिन वही दिखाता गया.
हाँथ उसके कभी ना खाली रहे,
जो दुआओं से घर सजाता गया.
ये मेरा रब ही जानता है के,
किसकी गलती से अपना नाता गया.
उसका चेहरा चाँद बन बन कर,
ज़हनो दिल मेरा जगमगाता गया.
: राकेश. ३०.०८.११.--------------------------
2 comments:
ये मेरा रब ही जानता है के,
किसकी गलती से अपना नाता गया.
waah, kya baat kahi
बहुत बढ़िया .........लाजबाब
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