झूठ है...... कि तुझ से कोई वास्ता नहीं,
इन दिनों मुझको मगर, खुद का पता नहीं.
तुम मिल जाओ अगर मुझको... तो खुद का पता मिले.
: राकेश जाज्वल्य. 16.04.2012
इन दिनों मुझको मगर, खुद का पता नहीं.
तुम मिल जाओ अगर मुझको... तो खुद का पता मिले.
: राकेश जाज्वल्य. 16.04.2012
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