मीठी धूप हथेलियों में...... अब के भर ली जाये.
सीधी-सीधी बात है....... मुहब्बत कर ली जाये.
पूरा दिन बेचेनी वाले...... लम्हे थामे रहता हूँ,
खुरची -खुरची नींदों वाली रात भी धर ली जाये .
मुझको भी मालूम है कि तुम दाल जलाया करती हो,
क्यूँ न यह इल्ज़ाम आज से अपने सर ली जाये.
आसमां में छेद करें या... उड़ें जमीन के भीतर,
ख्वाब कभी आँखों के भी..हद से बाहर ली जाये.
सीधी-सीधी बात है .....
: राकेश 25.05.12
1 comment:
बेहतरीन...
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