अपनी आँखों में ये मंज़र सम्हाल कर रक्खूँगा.
मैं कश्तियों में समन्दर सम्हाल कर रक्खूँगा.
तुम्हारा साथ जितनी देर, बस उतनी है ज़िन्दगी,
मैं पल ये सारे, उम्र भर सम्हाल कर रक्खूँगा.
मैं कश्तियों में समन्दर सम्हाल कर रक्खूँगा.
तुम्हारा साथ जितनी देर, बस उतनी है ज़िन्दगी,
मैं पल ये सारे, उम्र भर सम्हाल कर रक्खूँगा.
Apni aankho.n me ye manzar samhal kar rakkhunga.
main kashtiyo.n me samander samhal kar rakkhunga.
tumhara saath jitni der ............. bas utni hai zindagi,
main pal ye saare, umra bhar samhal kar rakkhunga.
main kashtiyo.n me samander samhal kar rakkhunga.
tumhara saath jitni der ............. bas utni hai zindagi,
main pal ye saare, umra bhar samhal kar rakkhunga.
: राकेश जाज्वल्य 26.12.2012
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