यहाँ हैं.. मेरी ग़ज़लें और कवितायेँ...... कितनी भी कोशिश करें, चाहें..पी लें..... सूखती नहीं मगर..खारे पानी की झीलें.
Wednesday, February 24, 2010
जब फूल खिलते......नन्ही राशि की नई रचना.
नन्ही राशि की नई रचना प्रस्तुत है, राशि ने कई दिनों पहले इसे लिखा था, आज उसने याद दिलाया की अभी तक मैंने इसे पोस्ट नहीं किया है। तो लीजिये आज मौका मिल ही गया.
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जब फूल खिलते...
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जब फूल खिलते
हमको अच्छे लगते।
तितलियाँ आतीं
फूल पर बैठती,
छोटी- छोटी कलियाँ
सुंदर फूल बनतीं।
जब चिड़ियाँ आतीं,
हम उसे
चाँवल के दाने देते।
जब छोटे फूल खिलते,
हम उन्हें तोड़ते नहीं।
जब फूल खिलते
हम को अच्छे लगते.
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: निर्झरा राशि.
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