तेज धूप में
एक टुकड़ा बादल,
मेरे साथ-साथ
चलता रहा.
माँ आसमाँ से भी
मुझ पर,
दुआओं का आँचल
डाले रही.
:राकेश. ०९.०५.११
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एक टुकड़ा बादल,
मेरे साथ-साथ
चलता रहा.
माँ आसमाँ से भी
मुझ पर,
दुआओं का आँचल
डाले रही.
:राकेश. ०९.०५.११
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4 comments:
मां हमेशा साथ रहती है ..।
ऐसी कवितायेँ ही मन में उतरती हैं ॥
maa ki baat hi alag hai...
बहुत सुन्दर भाव ... माँ ऐसी ही होती है ... आपकी सोच बहुत अच्छी लगी
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