यहाँ हैं.. मेरी ग़ज़लें और कवितायेँ......
कितनी भी कोशिश करें, चाहें..पी लें.....
सूखती नहीं मगर..खारे पानी की झीलें.
Thursday, April 25, 2013
तेरी ओर.......
तेरी ओर ...... मेरे ख्याल के पहला कदम उठाने और ......रखने के बीच का थोडा सा वक्त .. और ... थोड़ी सी ....दूरी...ही.. मुहब्बत है ...शायद ! और हाँ ... ज़िन्दगी भी !!! : राकेश जाज्वल्य. 20.04.2013
3 comments:
वाह
बहुत सुंदर
shukriya.....
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