दिल के भूरे ज़ज्बातों पर,
चाँद का पहरा है रातों पर.
लो, आँगन में झरे सितारे,
हंसी तेरी गूंजी कानों पर.
तेरा रूप दमकता सोना,
कैसे काबू हो साँसों पर.
खिड़की खोली, परदे खोले,
यकीं नहीं खुद के वादों पर.
नग् चमके तेरी बाली के,
और जुगनू मेरी आँखों पर.
दो तारे चंदा पे सिमटे,
दो बाहें मेरी बाँहों पर.
रात यूँ बीती मीठी-मीठी,
शहद जमी सुबह पत्तों पर.
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: rakesh jajvalya.
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