Friday, November 27, 2009

खुद से बदला, अब इस कदर भी......

खुद से बदला,अब इस कदर भी लिया जायेगा.
बिना तेरे भी कई रात जिया जायेगा.

कल जो देखा था मैंने,चाँद कुछ अधुरा था.
तेरी बिंदिया मिला के चाँद सिया जायेगा.

कहने-सुनने की जो बातें है,सब कहें मुझसे,
तुझ पे हर तंज,यहाँ दिल पे लिया जायेगा.

दें कसमें मुझे,समझाएं भी, तो क्या हासिल,
दिल जो मैं दे चूका,वापस ना लिया जायेगा.

कहीं ये हो ना हो, पर प्यार में जरुरी है,
जो भी रूठे, उसे बाँहों में लिया जायेगा.
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: राकेश जाज्वल्य.

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