राशि की नई कविता प्रस्तुत है, दिन भर की उसकी चह-चहाहटों और उछल-कूद के बीच उसकी कवितायेँ घर भर में धूप की तरह बिखरती रहती हैं. उसकी कल्पनाओं के संसार में आपका भी स्वागत है......
अगर किसी दिन….
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अगर किसी दिन.........
मेरे घर के आँगन में बर्फ गिरेगी,
आँगन के फूलों को
बहुत ठण्ड लगेगी.
फूल आयेंगे घर के अंदर,
और बाहर जायेंगे,
अपने अपने छत लेकर.
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: निर्झरा राशि
२३ नवम्बर २००९.
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