अलग
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आँखों की तेरी हर बात अलग,
जैसे की सुरमई रात अलग.
है लबों को लब से जुम्बिशें,
कैसे होगा ये साथ अलग.
मुझे मौत गवारा है, लेकिन
देना मुझको आघात् अलग.
मेरी धड़कन पर है नाम तेरा,
तू माने ना, ये बात अलग.
तू ज़हर अगर है हुआ करे,
मै फूल हूँ मेरी काट अलग.
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Alag
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Ankhon ki teri har bat alag,
jaise ki surmai rat alag.
Hai labon ko lab se jumbishen,
kaise hoga ye sath alag.
Mujhe maut gawara hai, lekin
dena mujhko aaghaat alag.
Meri dhadkan par hai nam tera,
tu mane na, ye bat alag.
tu zahar agar hai hua kare,
mai phul hun meri kat alag.
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: राकेश जाज्वल्य
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