मेरा होना क्या है तुम्हारे बिना।
जैसे सूनी आँखे बिना बात के ,
जैसे सूना पथ बिना साथ के।
जैसे बादल कोई बिना नमी के,
जैसे पौधा कोई बिना जमीं के.
मेरा रोना क्या है तुम्हारे बिना.
एक पंखुडी जो फूल पर रही नहीं,
एक बात जो होठों ने कही नहीं,
एक चाँद अधूरा फ़लक पर आया नहीं,
एक ख्वाब अधूरा पलक पर छाया नहीं,
मेरा खोना क्या है तुम्हारे बिना।
एक चाँद अधूरा फ़लक पर आया नहीं,
एक ख्वाब अधूरा पलक पर छाया नहीं,
मेरा खोना क्या है तुम्हारे बिना।
थी ख़ुशी कोई जब पास थे तुम ,
थी हसीं कोई जब साथ थे तुम,
थी बात कोई सब बातों में,
थी चाँदी- चाँदी रातों में...
मेरा सोना क्या है तुम्हारे बिना.
मेरा होना क्या है तुम्हारे बिना.
:राकेश जाज्वल्य, 29.04.2009
1 comment:
Very touchy, and true sentiments of a person who carries a beautiful heart
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